2025/02/08
India also lost the Border Gavaskar Trophy after 10 years.
रोहित और कोहली के खराब फॉर्म भी टीम इंडिया की हार की मुख्य वजह रही। इस पूरे दौरे पर विराट नौ पारियों में 23.75 की औसत से 190 रन बना सके।कोहली नौ पारियों में आठ बार ऑफ स्टंप के बाहर जाती गेंद पर छेड़छाड़ करने के प्रयास में विकेट के पीछे कैच आउट हुए रोहित तीन टेस्ट की पांच पारियों में 31 रन बना सके। पांचों बार उन्हें कमिंस ने आउट किया। पर्थ और मेलबर्न में दो पारियों में 136 रन को छोड़ दिया जाए तो बाकी सात पारियों में उन्होंने महज 54 रन बनाए हैं। । ये दोनों खिलाड़ी टीम में सबसे ज्यादा अनुभवी थे और इनका बल्ला नहीं चलना भारत के लिए घातक साबित हुआ। रोहित और विराट पहले भी बीजीटी सीरीज का हिस्सा रहे हैं और उन्हें वहां की पिच का अनुभव था, लेकिन वे फ्लॉप साबित हुए।
अनुशासन की कमीसूत्रों की खबर है की टीम इंडिया में अनुशासन की खामी देखि गयी हर खिलाडी आपने स्टाइल तथा अपनी मर्जी से खेल खेला गंभीर और टीम के निर्देशों का पालना नही की जहाँ तक है कप्तान भी बयां बजी से नही चुके टीम ने इस टूर को गंभीर नही लिया जसप्रीत बुमराह ने कप्तानी की थी। उस मैच में ध्रुव जुरेल और देवदत्त पडिक्कल खेले थे। साथ ही हर्षित राणा, वॉशिंगटन सुंदर और नीतीश रेड्डी को मौका मिला था। जुरेल, पडिक्कल और हर्षित कुछ खास नहीं कर सके थे। फिर एडिलेड में दूसरे टेस्ट से पहले रोहित की वापसी हुई और प्लेइंग-11 में भारी फेर बदल हुआ। रोहित, अश्विन और गिल की वापसी हुई और जुरेल-पडिक्कल और सुंदर को बाहर कर दिया गया। हर्षित बरकरार रहे, जबकि पहले टेस्ट में उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था। एडिलेड में हर्षित और महंगे साबित हुए। फिर तीसरे टेस्ट में हर्षित और अश्विन को भी बाहर कर दिया गया और जडेजा, सुंदर और आकाश दीप आए। पांचवें टेस्ट में आकाश और रोहित भी बाहर हुए और प्रसिद्ध कृष्णा आए। इससे टीम का मिजाज बदलता रहा और खिलाड़ियों को पर्याप्त अनुभव नहीं मिला। इतना ही नहीं राहुल और यशस्वी ने शुरुआती तीन टेस्ट में ओपनिंग की और फिर चौथे में रोहित ओपनिंग आए। ऐसे में कोई खिलाड़ी सेटल नहीं हो पाया
गेंदबाजो निराशा जनक प्रदर्शन
इस सीरीज में भारतीय टीम को गेंदबाजी तो बिल्कुल ही फ्लॉप रही। मैनेजमेंट के गलत टीम चयन ने भी नुकसान पहुंचाया। एक गेंदबाज या एक बल्लेबाज कम किया। मेलबर्न और सिडनी में भारत ने दो स्पिनर्स खिलाए। इससे टीम को काफी नुकसान हुआ। वॉशिंगटन सुंदर बिल्कुल फेल रहे। जडेजा ने बल्लेबाजी और गेंदबाजी में थोड़ा कमाल दिखाया भी, सुंदर ने एक अर्धशतक जरूर लगाया, लेकिन बाकी मैचों में फेल रहे। उनकी अश्विन का रिप्लेसमेंट माने जा रहे सुंदर को लगातार मौके मिलते रहे, लेकिन गेंदबाजी नहीं दी गई। जडेजा ने मेलबर्न की पहली पारी में 23 ओवर गेंदबाजी की और तीन विकेट लिए और सुंदर ने 15 ओवर गेंदबाजी की और एक विकेट लिया। इसी टेस्ट की दूसरी पारी में जडेजा ने 14 ओवर गेंदबाजी की और एक विकेट लिया।खिलाड़ी | मैच | ओवर | विकेट | सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी | इकोनॉमी |
---|---|---|---|---|---|
बुमराह | 5 | 151.2 | 32 | 6/76 | 2/76 |
मो. सिराज | 5 | 157.1 | 20 | 4.98 | 3.96 |
नीतीश रेड्डी | 5 | 44.0 | 5 | 2/32 | 4.31 |
प्रसिद्ध कृष्णा | 1 | 27.0 | 6 | 3/42 | 3.96 |
आकाश दीप | 2 | 77.5 | 5 | 2/ 28 | 3.46 |
रवींद्र जडेजा | 3 | 63.0 | 4 | 3.78 | 3.46 |
वॉशिंगटन सुंदर | 3 | 37.0 | 3 | 2.48 | 3.13 |
हर्षित राणा | 2 | 45.0 | 4 | 3.48 | 4.51 |
रोहित शर्मा का प्रदर्शन बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में बेहद खराब रहा।
निजी कारणों से रोहित शर्मा सीरीज का पहला टेस्ट नहीं खेले थे।
ऐसे में जसप्रीत बुमराह ने टीम इंडिया की कप्तानी की थी।
उन्होंने 3 मैच की 5 पारियों में केवल 31 रन बनाए।
एडिलेड टेस्ट से रोहित शर्मा की वापसी हुई।
सीरीज के दूसरे टेस्ट में भारतीय कप्तान ने 3 और 6 रन बनाए। इसके बाद ब्रिसबेन में हुए तीसरे टेस्ट में हिटमैन ने 10 रन बनाए।
2025/02/07
वीरेंद्र सहवाग ने फ्रेंचाइजी क्रिकेट में वापसी की बातों को नकारा
I am old, I can't play fast ball'
why did Virender Sehwag dismiss the power of comeback, said a big thing about youth /b> ### वीरेंद्र सहवाग ने फ्रेंचाइजी क्रिकेट में वापसी की बातों को नकारा
भारतीय टीम के पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने हाल ही में कहा है कि उन्होंने कभी भी फ्रेंचाइजी क्रिकेट में वापसी की योजना नहीं बनाई है। सहवाग का कहना है कि उनकी उम्र बढ़ चुकी है और अब वह तेज गेंदबाजों का सामना करने में पहले जैसी स्थिति में नहीं हैं। वीरेंद्र सहवाग ने अक्टूबर 2015 में इंटरनेशनल क्रिकेट से अपना संन्यास लिया था,
लेकिन उनके खेलने के तरीके से आज भी क्रिकेट प्रशंसक प्रभावित हैं। उनके लिए गेंद दिखी नहीं कि उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के शॉट खेलने का अपना फॉर्मूला अपनाया। सहवाग,
जो 2011 वर्ल्ड कप विजेता टीम के अहम सदस्य रहे थे, ने इस टूर्नामेंट में डेल स्टेन, जेम्स एंडरसन और उमर गुल जैसे दिग्गज गेंदबाजों को पहली गेंद पर चौके मारकर परेशान किया था। हालांकि, अब उन्हें लगता है कि
उनका हैंड-आई कॉर्डिनेशन (हाथ और आंख का सामंजस्य) पहले जैसा नहीं रहा है, और इसलिए वह तेज गेंदबाजों का सामना नहीं कर सकते।
वीरू ने गुरुवार को एक मीडिया इंटरव्यू में कहा कि वह संभवतः कभी फ्रेंचाइजी लीग में खेलते हुए नजर नहीं आएंगे, लेकिन आईएलटी20 में कमेंट्री पैनल का हिस्सा बनेंगे।
जब सहवाग से पूछा गया कि विभिन्न टी20 लीगों को किस क्रम में रखना पसंद करेंगे, तो उन्होंने कहा कि वह किसी फ्रेंचाइजी लीग की तुलना में नहीं करना चाहेंगे। सहवाग ने कहा, “हर लीग के अपने फायदे हैं, और ये फैंस में जबरदस्त उत्साह पैदा करती हैं।”
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि "आईपीएल भारत के लिए अच्छी है, बिग बैश लीग ऑस्ट्रेलिया के लिए फायदेमंद है,
और आईएलटी20 यूएई के लिए। इन लीगों में एक चमत्कारी बात यह है कि आप 9 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को एक ही टीम में खेलते हुए देख सकते हैं, और यह सिर्फ इसी लीग में संभव है।"
भारतीय टीम के गेंदबाजों के लिए खौफ पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग अपने खेलने वाले दिनों में थे। गेंद दिखे और क्षेत्र में हो तो शॉट खेलो। सहवाग का फॉर्मूला था पहली ही गेंद से बाउंड्री जमाने की होती थी वीरू की आदत वीरू ने अक्टूबर 2015 में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहा था। 2011 वर्ल्ड कप विजेता टीम के अहम सदस्य रहे वीरू ने टूर्नामेंट के दौरान उन्होंने डेल स्टेन, जेम्स एंडरसन और उमर गुल जैसे गेंदबाजों की धज्जियां अधिकांश मैचों में पहली गेंद पर चौका जमाया था। पहले जैसी नहीं रही बात उनका हैंड-आई कॉर्डिनेशन (हाथ और आंख का सामंजस्य) अब वैसा नहीं रहा कि वो तेज गेंदबाजों का सामना कर सकें। हालांकि, वीरेंद्र सहवाग ने खुलासा किया है कि सहवाग ने गुरुवार को मीडियो से बातचीत में कहा कि वो शायद कभी फ्रेंचाइजी लीग में खेलते हुए नजर नहीं आएं आईएलटी20 में कमेंट्री पैनल का हिस्सा क्योंकि अपने सक्रिय दिनों की तुलना में अब उनमें वो बात नहीं रही।