रोहित और कोहली के खराब फॉर्म भी टीम इंडिया की हार की मुख्य वजह रही। इस पूरे दौरे पर विराट नौ पारियों में 23.75 की औसत से 190 रन बना सके।कोहली नौ पारियों में आठ बार ऑफ स्टंप के बाहर जाती गेंद पर छेड़छाड़ करने के प्रयास में विकेट के पीछे कैच आउट हुए रोहित तीन टेस्ट की पांच पारियों में 31 रन बना सके। पांचों बार उन्हें कमिंस ने आउट किया। पर्थ और मेलबर्न में दो पारियों में 136 रन को छोड़ दिया जाए तो बाकी सात पारियों में उन्होंने महज 54 रन बनाए हैं। । ये दोनों खिलाड़ी टीम में सबसे ज्यादा अनुभवी थे और इनका बल्ला नहीं चलना भारत के लिए घातक साबित हुआ। रोहित और विराट पहले भी बीजीटी सीरीज का हिस्सा रहे हैं और उन्हें वहां की पिच का अनुभव था, लेकिन वे फ्लॉप साबित हुए।
अनुशासन की कमीसूत्रों की खबर है की टीम इंडिया में अनुशासन की खामी देखि गयी हर खिलाडी आपने स्टाइल तथा अपनी मर्जी से खेल खेला गंभीर और टीम के निर्देशों का पालना नही की जहाँ तक है कप्तान भी बयां बजी से नही चुके टीम ने इस टूर को गंभीर नही लिया जसप्रीत बुमराह ने कप्तानी की थी। उस मैच में ध्रुव जुरेल और देवदत्त पडिक्कल खेले थे। साथ ही हर्षित राणा, वॉशिंगटन सुंदर और नीतीश रेड्डी को मौका मिला था। जुरेल, पडिक्कल और हर्षित कुछ खास नहीं कर सके थे। फिर एडिलेड में दूसरे टेस्ट से पहले रोहित की वापसी हुई और प्लेइंग-11 में भारी फेर बदल हुआ। रोहित, अश्विन और गिल की वापसी हुई और जुरेल-पडिक्कल और सुंदर को बाहर कर दिया गया। हर्षित बरकरार रहे, जबकि पहले टेस्ट में उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था। एडिलेड में हर्षित और महंगे साबित हुए। फिर तीसरे टेस्ट में हर्षित और अश्विन को भी बाहर कर दिया गया और जडेजा, सुंदर और आकाश दीप आए। पांचवें टेस्ट में आकाश और रोहित भी बाहर हुए और प्रसिद्ध कृष्णा आए। इससे टीम का मिजाज बदलता रहा और खिलाड़ियों को पर्याप्त अनुभव नहीं मिला। इतना ही नहीं राहुल और यशस्वी ने शुरुआती तीन टेस्ट में ओपनिंग की और फिर चौथे में रोहित ओपनिंग आए। ऐसे में कोई खिलाड़ी सेटल नहीं हो पाया
गेंदबाजो निराशा जनक प्रदर्शन
इस सीरीज में भारतीय टीम को गेंदबाजी तो बिल्कुल ही फ्लॉप रही। मैनेजमेंट के गलत टीम चयन ने भी नुकसान पहुंचाया। एक गेंदबाज या एक बल्लेबाज कम किया। मेलबर्न और सिडनी में भारत ने दो स्पिनर्स खिलाए। इससे टीम को काफी नुकसान हुआ। वॉशिंगटन सुंदर बिल्कुल फेल रहे। जडेजा ने बल्लेबाजी और गेंदबाजी में थोड़ा कमाल दिखाया भी, सुंदर ने एक अर्धशतक जरूर लगाया, लेकिन बाकी मैचों में फेल रहे। उनकी अश्विन का रिप्लेसमेंट माने जा रहे सुंदर को लगातार मौके मिलते रहे, लेकिन गेंदबाजी नहीं दी गई। जडेजा ने मेलबर्न की पहली पारी में 23 ओवर गेंदबाजी की और तीन विकेट लिए और सुंदर ने 15 ओवर गेंदबाजी की और एक विकेट लिया। इसी टेस्ट की दूसरी पारी में जडेजा ने 14 ओवर गेंदबाजी की और एक विकेट लिया।खिलाड़ी | मैच | ओवर | विकेट | सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी | इकोनॉमी |
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बुमराह | 5 | 151.2 | 32 | 6/76 | 2/76 |
मो. सिराज | 5 | 157.1 | 20 | 4.98 | 3.96 |
नीतीश रेड्डी | 5 | 44.0 | 5 | 2/32 | 4.31 |
प्रसिद्ध कृष्णा | 1 | 27.0 | 6 | 3/42 | 3.96 |
आकाश दीप | 2 | 77.5 | 5 | 2/ 28 | 3.46 |
रवींद्र जडेजा | 3 | 63.0 | 4 | 3.78 | 3.46 |
वॉशिंगटन सुंदर | 3 | 37.0 | 3 | 2.48 | 3.13 |
हर्षित राणा | 2 | 45.0 | 4 | 3.48 | 4.51 |
रोहित शर्मा का प्रदर्शन बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में बेहद खराब रहा।
निजी कारणों से रोहित शर्मा सीरीज का पहला टेस्ट नहीं खेले थे।
ऐसे में जसप्रीत बुमराह ने टीम इंडिया की कप्तानी की थी।
उन्होंने 3 मैच की 5 पारियों में केवल 31 रन बनाए।
एडिलेड टेस्ट से रोहित शर्मा की वापसी हुई।
सीरीज के दूसरे टेस्ट में भारतीय कप्तान ने 3 और 6 रन बनाए। इसके बाद ब्रिसबेन में हुए तीसरे टेस्ट में हिटमैन ने 10 रन बनाए।
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