2025/03/11

Tensions Rise:-The Rajasthan Cricket Association's Struggle for IPL Hosting Rights

क्या जयपुर में आईपीएल मैच होंगे

आईपीएल की मेजबानी को लेकर राजस्थान क्रिकेट संघ में खींचतान,

Rajasthan royals ipl team at Jaipur International Airport
2. Inside the Rajasthan Cricket Association: The Battle for IPL Hosting Authority बीसीसीआई ने राजस्थान राज्य खेल परिषद को पत्र लिखकर आगाह किया है कि अगर राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन को सक्रिय नहीं किया गया तो राजस्थान अगले साल से आईपीएल की मेजबानी नहीं कर पाएगा। बीसीसीआई ने राजस्थान राज्य खेल परिषद (आरएसएससी) को एक ईमेल भेजा है जिसमें उसने कहा है कि यह आखिरी बार है जब वह परिषद को आईपीएल आयोजित करने की अनुमति देगा। पत्र में कहा गया है, "यह ध्यान देने योग्य है कि बीसीसीआई आईपीएल मैचों की मेजबानी के लिए केवल अपने संबंधित सदस्य राज्य क्रिकेट संघ, यानी राजस्थान क्रिकेट संघ के साथ जयपुर, राजस्थान में किसी भी मैच की मेजबानी के लिए सख्ती से व्यवहार करता है। हालांकि, बीसीसीआई ने एक अपवाद बनाया है और आईपीएल 2025 मैचों की मेजबानी के लिए आपके अनुरोध को अंतिम बार स्वीकार कर लिया है। कृपया ध्यान दें कि यदि मौजूदा परिस्थितियाँ आगे भी बनी रहती हैं, तो राजस्थान रॉयल्स के साथ संयुक्त रूप से आईपीएल आयोजित करने के लिए खेल परिषद की मेजबानी के लिए कोई भी बाद का अनुरोध, "पारस्परिक रूप से सहमत नियमों और शर्तों के अनुसार, आवश्यक अनुमति और प्रशासनिक सहायता के लिए राजस्थान सरकार द्वारा समर्थित है," पत्र में कहा गया है। आरएसएससी के अध्यक्ष नीरज के पवन ने कहा कि बीसीसीआई के ईमेल में उल्लेख किया गया है कि खेल परिषद राजस्थान रॉयल्स के साथ आईपीएल का आयोजन करेगी। "बीसीसीआई ने सहमत शर्तों और आवश्यक प्रशासनिक सहायता के अनुसार अनुमति दी है। उन्होंने कहा, "हम आईपीएल मैचों के लिए बुनियादी ढांचे की तैयारी और संचालन संबंधी आवश्यकताओं को सुनिश्चित करने के लिए राजस्थान रॉयल्स के साथ एक संयुक्त समन्वय समिति बनाएंगे।" उन्होंने कहा कि बीसीसीआई मैचों के सुचारू संचालन के लिए वित्तीय, तकनीकी और उपकरण सहायता प्रदान करेगा। बीसीसीआई का ईमेल इस बात की पुष्टि है कि खेल परिषद इस साल आईपीएल की मेजबानी करेगी। लेकिन यह खेल परिषद के लिए एक चेतावनी भी है। राजस्थान क्रिकेट संघ की कार्यकारी समिति। उस समय आरसीए का नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे कर रहे थे। तीन महीने में आरसीए के चुनावों की देखरेख के लिए एक तदर्थ समिति बनाई गई थी, लेकिन एक साल बीतने के बाद भी ऐसा नहीं हुआ है। आरसीए तदर्थ समिति को दो बार विस्तार दिया गया है और यह पहली बार है कि एक तदर्थ समिति ने इतने लंबे समय तक आरसीए चलाया है। चूंकि कोई समिति नहीं थी, इसलिए आरसीए एसएमएस स्टेडियम के उपयोग के लिए खेल परिषद के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने में असमर्थ था। सरकारी हस्तक्षेप से आयोजन पर सवाल राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) में लंबे समय से चल रही आपसी खींचतान ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की मेजबानी पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, गुटबाजी के चलते इस बार मैचों का आयोजन अनिश्चितता के बादल तले है।हालांकि, इस स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने हस्तक्षेप किया है, और इस बार आईपीएल मैचों का आयोजन स्पोर्ट्स काउंसिल के माध्यम से कराने का निर्णय लिया है। यह कदम आरसीए में व्याप्त अराजकता को देखते हुए उठाया गया है ताकि प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का सफल आयोजन सुनिश्चित किया जा सके।
लेकिन, इस सरकारी हस्तक्षेप ने एक नई बहस छेड़ दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के व्यावसायिक आयोजनों में सरकारी संसाधनों का उपयोग उचित नहीं है। उनका तर्क है कि आरसीए को अपने आंतरिक मामलों को सुलझाना चाहिए और खुद ही टूर्नामेंट का आयोजन करना चाहिए। IPL Hosting Controversy: Unpacking the Rajasthan Cricket Association's Internal Conflicts बीसीसीआई के अधिकारियों ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) को एक कार्य सूची दी है, जिसमें काम पूरा करने का निर्देश दिया गया है। बीसीसीआई की टीम यह सुनिश्चित करने के लिए जयपुर में है कि आगामी आईपीएल की मेजबानी के लिए यहां अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा किया जाना है। सूची में कार्य शामिल हैं, इसमें टाइलों को समतल करना, कुर्सियों की मरम्मत और इसी तरह के अन्य कार्य शामिल हैं जिन्हें तय समय सीमा तक पूरा किया जाना है बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए कोन०जिम्मेदार होगा, जिसमें पिच, ड्रेनेज सिस्टम और फ्लडलाइट शामिल हैं। परिषद स्टेडियम के रखरखाव और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होगी।सवाई मानसिंह स्टेडियम भारत के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियमों में से एक है, जिसमें 30,000 दर्शकों के बैठने की क्षमता है। इसने कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मैचों की मेजबानी की है, जिसमें 1987 का क्रिकेट विश्व कप और 1996 का क्रिकेट विश्व कप शामिल है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आईपीएल एक बड़ा वित्तीय आयोजन है, जो राज्य के लिए राजस्व और पर्यटन को बढ़ावा देता है। यदि आरसीए अपनी खींचतान में उलझा रहता है तो राज्य को भारी नुकसान हो सकता है। आईपीएल 2025 में राजस्थान रॉयल्स का पूरा शेड्यूल –

सनराइजर्स हैदराबाद Vs राजस्थान रॉयल्स, 23 मार्च, दोपहर 3:30 बजे, हैदराबाद
राजस्थान रॉयल्स Vs कोलकाता नाइट राइडर्स, 26 मार्च, शाम 7:30 बजे, गुवाहाटी
राजस्थान रॉयल्स Vs चेन्नई सुपर किंग्स, 30 मार्च, शाम 7:30 बजे, गुवाहाटी
पंजाब किंग्स Vs राजस्थान रॉयल्स, 5 अप्रैल, शाम 7:30 बजे, न्यू चंडीगढ़
गुजरात टाइटन्स Vs राजस्थान रॉयल्स, 9 अप्रैल, शाम 7:30 बजे, अहमदाबाद
राजस्थान रॉयल्स Vs रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु, 13 अप्रैल, दोपहर 3:30 बजे, जयपुर
दिल्ली कैपिटल्स Vs राजस्थान रॉयल्स, 16 अप्रैल, शाम 7:30 बजे, दिल्ली
राजस्थान रॉयल्स Vs लखनऊ सुपर जायंट्स, 19 अप्रैल, शाम 7:30 बजे, जयपुर
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु Vs राजस्थान रॉयल्स, 24 अप्रैल, शाम 7:30 बजे, बेंगलुरु
राजस्थान रॉयल्स Vs गुजरात टाइटन्स, 28 अप्रैल, शाम 7:30 बजे, जयपुर
राजस्थान रॉयल्स Vs मुंबई इंडियंस, 1 मई, शाम 7:30 बजे, जयपुर
कोलकाता नाइट राइडर्स Vs राजस्थान रॉयल्स, 4 मई, दोपहर 3:30 बजे, कोलकाता
चेन्नई सुपर किंग्स Vs राजस्थान रॉयल्स, 12 मई, शाम 7:30 बजे, चेन्नई
राजस्थान रॉयल्स Vs पंजाब किंग्स, 16 मई, शाम 7:30 बजे, जयपुर

3. IPL Hosting Controversy: Unpacking the Rajasthan Cricket Association's Internal Conflicts 4. The Rajasthan Cricket Association's Dilemma: Navigating the Challenges of IPL Hosting 5. A Clash of Interests: The Rajasthan Cricket Association's Quest for IPL Hosting Opportunities
IPL में राजस्थान में होने वाले मैचों के टिकटों की मारामारी हो सकती है।

इसके कई कारण हैं:

लोकप्रियता: IPL भारत में बहुत लोकप्रिय है, और राजस्थान में भी क्रिकेट के बहुत सारे प्रशंसक हैं। सीमित टिकट: स्टेडियमों में सीटों की संख्या सीमित होती है, इसलिए मांग ज्यादा होने पर टिकट मिलना मुश्किल हो जाता है। घरेलू टीम का समर्थन: राजस्थान रॉयल्स की घरेलू टीम होने के कारण, लोग अपनी टीम को समर्थन देने के लिए टिकट खरीदना चाहेंगे। बड़े मैच: अगर राजस्थान में कुछ बड़े और महत्वपूर्ण मैच होते हैं, तो टिकटों की मांग और भी बढ़ जाएगी। इसलिए, अगर आप राजस्थान में IPL मैच देखने के लिए टिकट खरीदना चाहते हैं, तो आपको जल्दी और सावधानी से टिकट बुक करना होगा। आप ऑनलाइन टिकट बुकिंग वेबसाइटों या स्टेडियम के टिकट काउंटर से टिकट खरीद सकते हैं।
अब देखना यह है कि क्या स्पोर्ट्स काउंसिल सफलतापूर्वक आईपीएल मैचों का आयोजन कर पाती है, और क्या यह आरसीए को भविष्य में अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेने के लिए मजबूर करेगा। फिलहाल, राजस्थान में आईपीएल का भविष्य अधर में लटका हुआ है, और सभी की निगाहें सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।

2025/02/19

Pakistan vs new zealand

12 Interesting Facts

इन वर्षों में, दोनों पक्षों ने कुल मिलाकर 118 एकदिवसीय मैचों में एक-दूसरे का सामना किया है। इनमें से पाकिस्तान ने 61 और न्यूजीलैंड ने 53 जीते हैं। तीन मैचों का कोई परिणाम नहीं निकला और एक असाधारण टाई पर समाप्त हुआ
टॉम लैथम टेस्ट क्रिकेट में टीम के वर्तमान कप्तान हैं और मिशेल सेंटनर वनडे और टी20ई क्रिकेट में टीम के वर्तमान कप्तान हैं। राष्ट्रीय टीम का आयोजन न्यूजीलैंड क्रिकेट द्वारा किया जाता है। वे दो बार CWC फाइनल और एक बार T20 WC फाइनल खेल चुके हैं।
जनवरी 1998 में न्यूज़ीलैंड क्रिकेट टीम को उसके प्रायोजक के नाम पर ब्लैक कैप्स के नाम से जाना जाने लगा
न्यूजीलैंड ने अपना पहला मैच 1951-52 में वेस्टइंडीज के खिलाफ और 1955/56 में पाकिस्तान और भारत के खिलाफ खेला था। 1954/55 में न्यूजीलैंड ने इंग्लैंड के खिलाफ पारी का अब तक का सबसे कम कुल योग, 26 दर्ज किया। अगले सीज़न में न्यूज़ीलैंड ने अपनी पहली टेस्ट जीत हासिल की। 4 टेस्ट मैचों की श्रृंखला के पहले 3 टेस्ट वेस्टइंडीज ने आसानी से जीते लेकिन न्यूजीलैंड ने चौथा मैच जीतकर अपनी पहली टेस्ट जीत हासिल की। इसे हासिल करने में उन्हें 45 मैच और 26 साल लगे थे।
1949 में न्यूज़ीलैंड ने अपनी अब तक की सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक को इंग्लैंड भेजा। इसमें बर्ट सटक्लिफ, मार्टिन डोनेली, जॉन आर. रीड और जैक कोवी शामिल थे। हालाँकि, 3-दिवसीय टेस्ट मैचों ने सुनिश्चित किया कि सभी 4 टेस्ट ड्रा रहे। कई लोगों ने 1949 के इंग्लैंड दौरे को न्यूजीलैंड के अब तक के सर्वश्रेष्ठ दौरे वाले प्रदर्शनों में से एक माना है। ड्रॉ होने के बावजूद सभी चार टेस्ट उच्च स्कोरिंग रहे और लॉर्ड्स में मार्टिन डोनेली की 206 रन की पारी को वहां अब तक देखी गई सबसे बेहतरीन पारियों में से एक माना गया। जीत न पाने के बावजूद न्यूजीलैंड ने एक भी टेस्ट नहीं हारा। इससे पहले, महान डॉन ब्रैडमैन के नेतृत्व वाली 1948 की महान ऑस्ट्रेलियाई टीम ने ही यह उपलब्धि हासिल की थी।

पाकिस्तान की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम ने 1952 से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया है। इसे पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जो पाकिस्तान में क्रिकेट के लिए शासी निकाय है, जो अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) का पूर्ण सदस्य है। पाकिस्तान पीसीबी और अन्य क्षेत्रीय या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट निकायों द्वारा टेस्ट, वन डे इंटरनेशनल (ओडीआई), और ट्वेंटी 20 इंटरनेशनल (टी 20) प्रारूपों में स्वीकृत क्रिकेट दौरों और टूर्नामेंटों में प्रतिस्पर्धा करता है। पाकिस्तान वर्तमान आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी धारक है।
पाकिस्तान आतंकवाद और आतंक के खिलाफ युद्ध के कारण सुरक्षा चिंताओं और घरेलू अस्थिरता से त्रस्त है, जिसने इसे 21वीं सदी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के आयोजन स्थल के रूप में प्रतिबंधित कर दिया है। 1987 और 1996 विश्व कप (1996 का फाइनल लाहौर में खेला गया) की मेजबानी के बावजूद, 2009 में श्रीलंका की राष्ट्रीय टीम के खिलाफ हमले के बाद देश में क्रिकेट नहीं खेला गया; इसके बाद पाकिस्तान ने 2016 तक संयुक्त अरब अमीरात में एक दिवसीय मैच और 2019 तक यूएई में टेस्ट मैच खेले। सुरक्षा में सुधार और आतंकवाद में समग्र कमी के बाद, 2016 से पाकिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट फिर से शुरू किया गया, जो पाकिस्तान सुपर लीग की शुरुआत के साथ हुआ।
पाकिस्तान का पहला टेस्ट मैच अक्टूबर 1952 में पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला के तहत दिल्ली में खेला गया था जिसे भारत ने 2-1 से जीता था। पाकिस्तान ने 1954 में इंग्लैंड का अपना पहला दौरा किया और ओवल में जीत के बाद श्रृंखला 1-1 से बराबर की जिसमें तेज गेंदबाज फज़ल महमूद ने 12 विकेट लिए।
पाकिस्तान का पहला घरेलू टेस्ट मैच जनवरी 1955 में बंगबंधु नेशनल स्टेडियम, ढाका, पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में भारत के खिलाफ था, जिसके बाद चार और टेस्ट मैच बहावलपुर, लाहौर, पेशावर और कराची में खेले गए (श्रृंखला के सभी पांच मैच ड्रा रहे, टेस्ट इतिहास में इस तरह की पहली घटना)
भारत-पाकिस्तान क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता आमतौर पर भावनात्मक रूप से भरी होती है और इसमें दिलचस्प मुकाबले देखने को मिल सकते हैं, क्योंकि सीमा के दोनों ओर की प्रतिभाशाली टीमें और खिलाड़ी अपने खेल को नए स्तर पर ले जाना चाहते हैं। क्रिकेट विश्व कप में भारत के साथ पाकिस्तानी टीम के मुकाबले के कारण स्टेडियम खचाखच भरे हुए थे और माहौल बेहद उत्साहित था।
पाकिस्तान ने 1954 में इंग्लैंड का अपना पहला दौरा किया और ओवल में जीत के बाद श्रृंखला 1-1 से बराबर की जिसमें तेज गेंदबाज फज़ल महमूद ने 12 विकेट लिए। पाकिस्तान का पहला घरेलू टेस्ट मैच जनवरी 1955 में बंगबंधु नेशनल स्टेडियम, ढाका, पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में भारत के खिलाफ था, जिसके बाद चार और टेस्ट मैच बहावलपुर, लाहौर, पेशावर और कराची में खेले गए (श्रृंखला के सभी पांच मैच ड्रा रहे, टेस्ट इतिहास में ऐसी पहली घटना)। उसी वर्ष, न्यूजीलैंड ने उनके खिलाफ अपनी पहली श्रृंखला के लिए पाकिस्तान का दौरा किया।

champion trophy

न्यूजीलैंड की बांग्लादेश पर पांच विकेट से जीत के साथ ही पाकिस्तान की सभी उम्मीदें खत्म हो गई गत चैंपियन और मेजबान पाकिस्तान का सफर चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में ग्रुप चरण में ही थम गया है। और ग्रुप ए से भारत तथा न्यूजीलैंड सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल रहे। दिलचस्प बात यह है कि 19 फरवरी को इस आईसीसी टूर्नामेंट की शुरुआत हुई और छह दिन बाद ही मेजबान टीम का सफर खत्म हो गया। मोहम्मद रिजवान की अगुआई वाली पाकिस्तान टीम शुरुआत के दोनों ही मुकाबले में चुनौती पेश नहीं कर सकी और उसने कई गलतियां की जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा। विशेषज्ञ स्पिनरों की कमी पाकिस्तान की टीम में अबरार अहमद के तौर पर सिर्फ एक विशेषज्ञ गेंदबाज था, लेकिन उनका समर्थन करने के लिए दूसरे छोर पर स्पिनर की कमी थी। यह भी पाकिस्तान के खराब प्रदर्शन का एक कारण रहा। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले पाकिस्तान ने अपने घरेलू मैदान पर दक्षिण अफ्रीका और पाकिस्तान के खिलाफ त्रिकोणीय सीरीज में हिस्सा लिया था, लेकिन फाइनल में उसे हार मिली थी। कागजों में यह टीम कमजोर दिख रही थी, लेकिन माना जा रहा था कि घरेलू परिस्थितियों में पाकिस्तान कुछ दम दिखा सकता है। रिजवान की टीम हालांकि किसी विभाग में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। न्यूजीलैंड-भारत के खिलाफ नहीं पेश कर सके चुनौती न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान के खिलाफ मैच में 320 रनों का स्कोर खड़ा किया जिसमें विल यंग और कप्तान टॉम लाथम ने शतक जड़े। दूसरे मैच में पाकिस्तान का सामना भारत से हुआ जिसमें टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। बाबर आजम और इमाम उल हक ने टीम को अच्छी शुरुआत भी दिलाई, लेकिन पाकिस्तान इसका फायदा उठाने में असफल रहा। भारतीय गेंदबाजों ने पाकिस्तान को 241 रन के स्कोर पर ही रोका और लक्ष्य का पीछा करते हुए विराट कोहली ने सामने मोर्चा संभाला और 43.2 ओवर ही लक्ष्य हासिल कर लिया। यूं तो पाकिस्तान की उम्मीदें दो मैच हारने के साथ ही खत्म हो गई थी, लेकिन उसकी संभावनाओं को पूरी तरह समाप्त न्यूजीलैंड की बांग्लादेश पर जीत ने कर दिया। पाकिस्तान ने बनाया अनचाहा रिकॉर्ड पाकिस्तान ने इसके साथ ही कुछ अनचाहे रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए हैं। 2009 के बाद यह पहली बार है जब चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबान टीम ग्रुप चरण से ही बाहर हो गई है। आखिरी बार ऐसा दक्षिण अफ्रीका के साथ हुआ था जब टीम ने तीन में से दो मैच हारे और एक में उसे जीत मिली थी। दक्षिण अफ्रीका की टीम उस वक्त ग्रुप में सबसे नीचे रही थी। इतना ही नहीं पाकिस्तान ऐसी चौथी टीम है जो चैंपियंस ट्रॉफी में खिताब का बचाव करने उतरी, लेकिन ग्रुप चरण में ही बाहर हो गई। पहली बार ऐसा 2004 में हुआ जब भारत और श्रीलंका ग्रुप चरण में ही बाहर हो गई थी। भारत और श्रीलंका 2002 में इस टूर्नामेंट के संयुक्त विजेता बने थे। आखिरी बार 2013 में ऐसा हुआ था जब गत चैंपियन टीम ग्रुप चरण में बाहर हो गई थी। उस वक्त ऑस्ट्रेलिया कोई मैच नहीं जीत सकी थी। पाकिस्तान अब अपना अंतिम मैच बांग्लादेश के खिलाफ 27 फरवरी को रावलपिंडी में खेलेगी।

2025/02/18

icc champion trophy 2025

2025/02/12

2025/02/10

श्रीलंकाई vs ऑस्ट्रेलियाई

ऑस्ट्रेलियाई टीम ने तीसरे दिन की शुरुआत तीन विकेट के नुकसान पर 330 रनों के साथ की थी। कप्तान स्टीव स्मिथ 120 और एलेक्स कैरी 139 रनों आगे खेलने उतरे थे। टीम के स्कोर में कुल 20 रन ही जुड़े थे कि प्रभात जयसूर्या ने स्मिथ की पारी का अंत कर दिया। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 254 गेंदों का सामना करते हुए 131 रन बनाए और 10 चौकों के अलावा एक छक्का मारा। जयसूर्या ने जोस इंग्लिस को एक गेंद बाद बोल्ड कर दिया। जयसूर्या ने ही एलेक्स कैरी की पारी का अंत दिया। कैरी ने 188 गेंदों का सामना करते हुए 156 रन बनाए। अपनी पारी में उन्होंने 15 चौके और दो छक्के मारे। कैरी के जाने के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम ज्यादा देर टिक नहीं सकी और बाकी के बल्लेबाज जल्दी-जल्दी पवेलियन लौट गए। अंत में बेयू बेवस्टर ने जरूर लड़ाई लड़ी और 31 रन बनाए।गॉल इंटरनेशनल ऑस्ट्रेलियाई टीम ने तीसरे दिन की शुरुआत तीन विकेट के नुकसान पर 330 रनों के साथ की थी। कप्तान स्टीव स्मिथ 120 और एलेक्स कैरी 139 रनों आगे खेलने उतरे थे। टीम के स्कोर में कुल 20 रन ही जुड़े थे कि प्रभात जयसूर्या ने स्मिथ की पारी का अंत कर दिया। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 254 गेंदों का सामना करते हुए 131 रन बनाए और 10 चौकों के अलावा एक छक्का मारा। जयसूर्या ने जोस इंग्लिस को एक गेंद बाद बोल्ड कर दिया। जयसूर्या ने ही एलेक्स कैरी की पारी का अंत दिया। कैरी ने 188 गेंदों का सामना करते हुए 156 रन बनाए। अपनी पारी में उन्होंने 15 चौके और दो छक्के मारे। कैरी के जाने के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम ज्यादा देर टिक नहीं सकी और बाकी के बल्लेबाज जल्दी-जल्दी पवेलियन लौट गए। अंत में बेयू बेवस्टर ने जरूर लड़ाई लड़ी और 31 रन बनाए। श्रीलंका के लिए जयसूर्या ने पांच विकेट अपने नाम किए। निशान पेइरिस ने तीन विकेट झटके और रमेश मेंडिस के हिस्से दो विकेट आए।स्टेडियम में खेले जा श्रीलंकाई पारी लड़खड़ाई ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी के आधार पर 157 रनों की बढ़त ले ली थी। श्रीलंकाई टीम की कोशिश थी कि वह ऑस्ट्रेलिया की बढ़त उतार कर मेहमान टीम पर मजबूत बढ़त ले, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के दो स्पिनरों ने ये काम मुश्किल कर दिया। मैथ्यू और लियोन ने अपनी फिरकी का ऐसा जाल बिछाया की एक के बाद एक श्रीलंकाई बल्लेबाज फंसते चले गए। मैथ्यू ने पाथुम निसंका को आउट कर श्रीलंका को पहला झटका दिया। दिमुथ करुणारत्ने भी उनका शिकार बने। निसंका आठ और करुणारत्ने 14 रन बनाकर आउट हुए। दिनेश चंडिमल को लियोन ने पवेलियन भेज दिया। लियोन ने फिर कामिंडू मेंडिस (14) को भी आउट कर दिया। एक छोर पर एंजेलो मैथ्यूज टिके थे, लेकिन दूसरे छोर से विकेट गिर रहे थे। कप्तान धनंजय डी सिल्वा को मैथ्यू ने आउट कर दिया। मैथ्यूज की पारी का अंत लियोन ने किया। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 149 गेंदों पर चार चौके और एक छक्के की मदद से 76 रनों की पारी खेली। रमेश मेंडिस बिना खाता खोले और प्रभात जयसूर्या छह रन बनाकर आउट हो गए। दिन का खेल खत्म होने तक कुसल मेंडिस 50 गेंदों पर 48 रन बनाकर आउट हो गए।रहे दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया ने श्रीलंका को बैकफुट पर धकेल दिया है। स्टम्प्स तक श्रीलंका ने अपनी दूसरी पारी में आठ विकेट खोकर 211 रन बना लिए हैं। उसने 54 रनों की बढ़त तो ले ली है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया को देखते हुए ये बढ़त बहुत कम है। चौथे दिन ऑस्ट्रेलियाई टीम की कोशिश होगी वो मेजबान टीम के बाकी बचे दो विकेट जल्दी हासिल करे और फिर आसान से लक्ष्य को जल्दी पूरा कर सीरीज पर कब्जा जमाए।

2025/02/08

ऑस्ट्रेलिया में वनडे और टेस्ट शतक बनाने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर स्मृति मंधाना ने 2016 में अपना पहला वनडे शतक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होबार्ट में लगाया था। उस दौरान उन्‍होंने 109 गेंदों पर 102 रन की पारी खेली थी। उसके बाद 2021 में उन्‍होंने ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक पिंक बॉल टेस्ट में 216 गेंदों में 127 रन बनाए। वह ऑस्ट्रेलियाई धरती पर वनडे और टेस्ट शतक लगाने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर हैं। वनडे क्रिकेट रन चेज में लगातार 10 बार 50 से अधिक स्कोर बनाने वाली पहली खिलाड़ी स्मृति मंधाना के लिए 2021 का साल बहुत ही शानदार गुजरा। उन्‍होंने उस दौरान लक्ष्य का पीछा करते हुए वनडे क्रिकेट में लगातार 10 बार 50 से ज़्यादा का स्कोर किया। लखनऊ में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ इस फ़ॉर्मेट में अपना 18वां अर्धशतक बनाकर उन्होंने ये खास रिकॉर्ड बनाया था। एशियन गेम्‍स 2023 गोल्‍ड एशियन गेम्‍स 2023 में भारत को स्‍वर्ण पदक दिलाने में स्मृति मंधाना ने महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने फाइनल में 46 रनों की पारी खेली थी, जिसकी मदद से भारत ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 116 रन बनाए और श्रीलंका को 19 रनों से हराकर चीन के हांग्जो में स्वर्ण पदक जीता था। WPL 2024 की जीत स्मृति मंधाना ने इस साल की शुरुआत में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ़ एक ऐतिहासिक फ़ाइनल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को पहली बार महिला प्रीमियर लीग का ख़िताब जिताया था। फाइनल में स्‍मृति ने 31 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली थी। भारतीय महिला क्रिकेट की स्टार खिलाड़ी स्मृति मंधाना आज 18 जुलाई को अपन 28वां बर्थडे मना रही हैं। 2013 में इंटरनेशलन डेब्‍यू करने वाली स्मृति अपनी सहज बल्लेबाजी शैली और दबाव की परिस्थितियों में प्रदर्शन करने की क्षमता के लिए जानी जाती हैं। स्मृति ने अपने 11 साल के क्रिकेट करियर में अब तक देश के लिए 7 टेस्ट, 85 वनडे और 136 टी20 मैच खेले हैं, जिसमें उनके नाम 7500 से ज्‍यादा रन बनाए हैं। उन्‍होंने अपने इस करियर में कई व्यक्तिगत और टीम पुरस्कार हासिल किए हैं। आइये उनके जन्‍मदिन के मौके पर आपको बताते हैं उनके कुछ खास रिकॉर्ड और उपलब्धियां-

India also lost the Border Gavaskar Trophy after 10 years.

भारत ने 10 साल बाद बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी भी गंवा दी। ये गलती हुई कि भारतीय टीम को सीरीज से हाथ धोना पड़ा है? why Was it a mistake that the Indian team had to lose the series? इस हार के बाद भारतीय खिलाड़ियों के मिजाज पर भी सवाल उठ रहे हैं। भारत को बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी (BGT) 2024/25 सीरीज में 3-1 से हार मिली है। इस हार के साथ ही भारतीय टीम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की दौड़ से भी बाहर हो गई। ऑस्ट्रेलिया ने सिडनी टेस्ट छह विकेट से अपने नाम किया। इस सीरीज में कुछ एक भारतीय खिलाड़ियों को छोड़ दिया जाए तो लगभग पूरी टीम कुछ खास नहीं कर सकी। भारतीय टीम ने पर्थ में पहला टेस्ट जीतने के बाद सीरीज गंवाई है। भारतीय टीम से ऐसी क्या गलती हुई कि टीम को सीरीज से हाथ धोना पड़ा है? खिलाडियो की फिटनेस नही

रोहित और कोहली के खराब फॉर्म भी टीम इंडिया की हार की मुख्य वजह रही। इस पूरे दौरे पर विराट नौ पारियों में 23.75 की औसत से 190 रन बना सके।कोहली नौ पारियों में आठ बार ऑफ स्टंप के बाहर जाती गेंद पर छेड़छाड़ करने के प्रयास में विकेट के पीछे कैच आउट हुए रोहित तीन टेस्ट की पांच पारियों में 31 रन बना सके। पांचों बार उन्हें कमिंस ने आउट किया। पर्थ और मेलबर्न में दो पारियों में 136 रन को छोड़ दिया जाए तो बाकी सात पारियों में उन्होंने महज 54 रन बनाए हैं। । ये दोनों खिलाड़ी टीम में सबसे ज्यादा अनुभवी थे और इनका बल्ला नहीं चलना भारत के लिए घातक साबित हुआ। रोहित और विराट पहले भी बीजीटी सीरीज का हिस्सा रहे हैं और उन्हें वहां की पिच का अनुभव था, लेकिन वे फ्लॉप साबित हुए।

अनुशासन की कमी

सूत्रों की खबर है की टीम इंडिया में अनुशासन की खामी देखि गयी हर खिलाडी आपने स्टाइल तथा अपनी मर्जी से खेल खेला गंभीर और टीम के निर्देशों का पालना नही की जहाँ तक है कप्तान भी बयां बजी से नही चुके टीम ने इस टूर को गंभीर नही लिया जसप्रीत बुमराह ने कप्तानी की थी। उस मैच में ध्रुव जुरेल और देवदत्त पडिक्कल खेले थे। साथ ही हर्षित राणा, वॉशिंगटन सुंदर और नीतीश रेड्डी को मौका मिला था। जुरेल, पडिक्कल और हर्षित कुछ खास नहीं कर सके थे। फिर एडिलेड में दूसरे टेस्ट से पहले रोहित की वापसी हुई और प्लेइंग-11 में भारी फेर बदल हुआ। रोहित, अश्विन और गिल की वापसी हुई और जुरेल-पडिक्कल और सुंदर को बाहर कर दिया गया। हर्षित बरकरार रहे, जबकि पहले टेस्ट में उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था। एडिलेड में हर्षित और महंगे साबित हुए। फिर तीसरे टेस्ट में हर्षित और अश्विन को भी बाहर कर दिया गया और जडेजा, सुंदर और आकाश दीप आए। पांचवें टेस्ट में आकाश और रोहित भी बाहर हुए और प्रसिद्ध कृष्णा आए। इससे टीम का मिजाज बदलता रहा और खिलाड़ियों को पर्याप्त अनुभव नहीं मिला। इतना ही नहीं राहुल और यशस्वी ने शुरुआती तीन टेस्ट में ओपनिंग की और फिर चौथे में रोहित ओपनिंग आए। ऐसे में कोई खिलाड़ी सेटल नहीं हो पाया

गेंदबाजो निराशा जनक प्रदर्शन

इस सीरीज में भारतीय टीम को गेंदबाजी तो बिल्कुल ही फ्लॉप रही। मैनेजमेंट के गलत टीम चयन ने भी नुकसान पहुंचाया। एक गेंदबाज या एक बल्लेबाज कम किया। मेलबर्न और सिडनी में भारत ने दो स्पिनर्स खिलाए। इससे टीम को काफी नुकसान हुआ। वॉशिंगटन सुंदर बिल्कुल फेल रहे। जडेजा ने बल्लेबाजी और गेंदबाजी में थोड़ा कमाल दिखाया भी, सुंदर ने एक अर्धशतक जरूर लगाया, लेकिन बाकी मैचों में फेल रहे। उनकी अश्विन का रिप्लेसमेंट माने जा रहे सुंदर को लगातार मौके मिलते रहे, लेकिन गेंदबाजी नहीं दी गई। जडेजा ने मेलबर्न की पहली पारी में 23 ओवर गेंदबाजी की और तीन विकेट लिए और सुंदर ने 15 ओवर गेंदबाजी की और एक विकेट लिया। इसी टेस्ट की दूसरी पारी में जडेजा ने 14 ओवर गेंदबाजी की और एक विकेट लिया।
खिलाड़ी मैच ओवर विकेट सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी इकोनॉमी
बुमराह 5 151.2 32 6/76 2/76
मो. सिराज 5 157.1 20 4.98 3.96
नीतीश रेड्डी 5 44.0 5 2/32 4.31
प्रसिद्ध कृष्णा 1 27.0 6 3/42 3.96
आकाश दीप 2 77.5 5 2/ 28 3.46
रवींद्र जडेजा 3 63.0 4 3.78 3.46
वॉशिंगटन सुंदर 3 37.0 3 2.48 3.13
हर्षित राणा 2 45.0 4 3.48 4.51
राहुल-गिल और पंत की लापरवाही भरी बल्लेबाजी

रोहित शर्मा का प्रदर्शन बॉर्डर गावस्‍कर ट्रॉफी 2024-25 में बेहद खराब रहा।
निजी कारणों से रोहित शर्मा सीरीज का पहला टेस्‍ट नहीं खेले थे।
ऐसे में जसप्रीत बुमराह ने टीम इंडिया की कप्‍तानी की थी।
उन्‍होंने 3 मैच की 5 पारियों में केवल 31 रन बनाए।
एडिलेड टेस्‍ट से रोहित शर्मा की वापसी हुई।
सीरीज के दूसरे टेस्‍ट में भारतीय कप्‍तान ने 3 और 6 रन बनाए। इसके बाद ब्रिसबेन में हुए तीसरे टेस्‍ट में हिटमैन ने 10 रन बनाए।

2025/02/07

वीरेंद्र सहवाग ने फ्रेंचाइजी क्रिकेट में वापसी की बातों को नकारा

I am old, I can't play fast ball'

why did Virender Sehwag dismiss the power of comeback, said a big thing about youth /b>

### वीरेंद्र सहवाग ने फ्रेंचाइजी क्रिकेट में वापसी की बातों को नकारा
भारतीय टीम के पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने हाल ही में कहा है कि उन्होंने कभी भी फ्रेंचाइजी क्रिकेट में वापसी की योजना नहीं बनाई है। सहवाग का कहना है कि उनकी उम्र बढ़ चुकी है और अब वह तेज गेंदबाजों का सामना करने में पहले जैसी स्थिति में नहीं हैं। वीरेंद्र सहवाग ने अक्टूबर 2015 में इंटरनेशनल क्रिकेट से अपना संन्यास लिया था,
लेकिन उनके खेलने के तरीके से आज भी क्रिकेट प्रशंसक प्रभावित हैं। उनके लिए गेंद दिखी नहीं कि उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के शॉट खेलने का अपना फॉर्मूला अपनाया। सहवाग,
जो 2011 वर्ल्ड कप विजेता टीम के अहम सदस्य रहे थे, ने इस टूर्नामेंट में डेल स्टेन, जेम्स एंडरसन और उमर गुल जैसे दिग्गज गेंदबाजों को पहली गेंद पर चौके मारकर परेशान किया था। हालांकि, अब उन्हें लगता है कि
उनका हैंड-आई कॉर्डिनेशन (हाथ और आंख का सामंजस्य) पहले जैसा नहीं रहा है, और इसलिए वह तेज गेंदबाजों का सामना नहीं कर सकते।
वीरू ने गुरुवार को एक मीडिया इंटरव्यू में कहा कि वह संभवतः कभी फ्रेंचाइजी लीग में खेलते हुए नजर नहीं आएंगे, लेकिन आईएलटी20 में कमेंट्री पैनल का हिस्सा बनेंगे।
जब सहवाग से पूछा गया कि विभिन्न टी20 लीगों को किस क्रम में रखना पसंद करेंगे, तो उन्होंने कहा कि वह किसी फ्रेंचाइजी लीग की तुलना में नहीं करना चाहेंगे। सहवाग ने कहा, “हर लीग के अपने फायदे हैं, और ये फैंस में जबरदस्त उत्साह पैदा करती हैं।”
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि "आईपीएल भारत के लिए अच्छी है, बिग बैश लीग ऑस्ट्रेलिया के लिए फायदेमंद है,
और आईएलटी20 यूएई के लिए। इन लीगों में एक चमत्कारी बात यह है कि आप 9 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को एक ही टीम में खेलते हुए देख सकते हैं, और यह सिर्फ इसी लीग में संभव है।"


सहवाग की यह स्पष्टता और विचारशीलता उन्हें एक सच्चे क्रिकेट विशेषज्ञ बनाती है, जो खेल के प्रति अपनी गहरी समझ का परिचय दे रहे हैं।वीरेंद्र सहवाग ने फ्रेंचाइजी क्रिकेट में वापसी की बातों को नकारा सहवाग ने कहा कि वो उम्रदराज हो चुके हैं और तेज गेंद नहीं खेल पाते सहवाग ने अक्‍टूबर 2015 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्‍यास लिया था
भारतीय टीम के गेंदबाजों के लिए खौफ पूर्व विस्‍फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग अपने खेलने वाले दिनों में थे। गेंद दिखे और क्षेत्र में हो तो शॉट खेलो। सहवाग का फॉर्मूला था पहली ही गेंद से बाउंड्री जमाने की होती थी वीरू की आदत वीरू ने अक्‍टूबर 2015 में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहा था। 2011 वर्ल्‍ड कप विजेता टीम के अहम सदस्‍य रहे वीरू ने टूर्नामेंट के दौरान उन्‍होंने डेल स्‍टेन, जेम्‍स एंडरसन और उमर गुल जैसे गेंदबाजों की धज्जियां अधिकांश मैचों में पहली गेंद पर चौका जमाया था। पहले जैसी नहीं रही बात उनका हैंड-आई कॉर्डिनेशन (हाथ और आंख का सामंजस्‍य) अब वैसा नहीं रहा कि वो तेज गेंदबाजों का सामना कर सकें। हालांकि, वीरेंद्र सहवाग ने खुलासा किया है कि सहवाग ने गुरुवार को मीडियो से बातचीत में कहा कि वो शायद कभी फ्रेंचाइजी लीग में खेलते हुए नजर नहीं आएं आईएलटी20 में कमेंट्री पैनल का हिस्‍सा क्‍योंकि अपने सक्रिय दिनों की तुलना में अब उनमें वो बात नहीं रही।

2025/01/28

Ranji trophy- point table

ग्रुप बी क्वालीफिकेशन राजस्थान के खिलाफ़ अपनी वापसी जीत के बाद विदर्भ ने पहले ही नॉकआउट में जगह पक्की कर ली है। शेष स्थान गुजरात (26 अंक) या हिमाचल प्रदेश (21 अंक) में से किसी एक के पास होगा, दोनों टीमें एक दूसरे से भिड़ेंगी। इस मैच का विजेता क्वार्टर फ़ाइनल में पहुँच जाएगा। राजस्थान की रणजी ट्रॉफी हार राजस्थान की क्रिकेट टीम को रणजी ट्रॉफी में विदर्भ के खिलाफ़ 221 रनों से करारी हार का सामना करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप वे नॉकआउट चरण से बाहर हो गए। पहली पारी में बढ़त के बावजूद, राजस्थान के बल्लेबाज़ दूसरी पारी में ढह गए और सिर्फ़ 107 रन ही बना पाए। अक्षय वाडकर के शतक की बदौलत विदर्भ का मज़बूत बल्लेबाज़ी प्रदर्शन राजस्थान के लिए बहुत ज़्यादा साबित हुआ। कमेंट्री में राजस्थान के बल्लेबाज़ों, ख़ास तौर पर दीपक हुड्डा के खराब प्रदर्शन पर प्रकाश डाला गया है और टीम के समग्र प्रबंधन और भविष्य की संभावनाओं पर सवाल उठाए गए हैं।
रणजी ट्रॉफी मैच: जयपुर के केएल सैनी स्टेडियम में रणजी ट्रॉफी मैच खेला राजस्थान और विदर्भ के बीच राजस्थान की पहली पारी: राजस्थान ने पहली पारी में विदर्भ पर 100 रन की बढ़त हासिल की। विदर्भ की दूसरी पारी:

विदर्भ ने 9 विकेट पर 428 रन बनाए और अपनी दूसरी पारी घोषित की। प्रमुख बल्लेबाजों में शामिल हैं:
अक्षय वाडकर, जिन्होंने शतक (100+ रन) बनाया।
यश, जिन्होंने 98 रन बनाए।
राजस्थान की दूसरी पारी:

राजस्थान की बल्लेबाजी ध्वस्त हो गई। वे सिर्फ 107 रन पर ऑल आउट हो गए।
प्रमुख बल्लेबाजी प्रदर्शनों में शामिल हैं: जुबेर, जिन्होंने राजस्थान के लिए सबसे ज्यादा 22 रन बनाए।
मैच का नतीजा: राजस्थान ने विदर्भ के खिलाफ मैच 221 रनों से गंवा दिया।

राजस्थान का बाहर होना:

इस हार के कारण राजस्थान रणजी ट्रॉफी के नॉकआउट चरण से बाहर हो गया और अपने ग्रुप में 5वें स्थान पर आ गया।
दीपक हुड्डा का प्रदर्शन: दीपक हुड्डा के खराब प्रदर्शन की आलोचना की जा रही है, जिन्हें राजस्थान टीम में एकमात्र "पेशेवर" खिलाड़ी बताया गया है। सबसे कमजोर टीम पांडिचेरी के खिलाफ एक शतक लगाने के बावजूद, वे लगातार असफल रहे हैं। वन डे और टी20 मैचों में भी उनका प्रदर्शन असाधारण माना जाता है।
सामान्य टिप्पणी: टिप्पणीकार राजस्थान के क्रिकेट प्रदर्शन में गिरावट को देखते हैं और सवाल करते हैं कि उनके लगातार खराब प्रदर्शन के लिए कौन जिम्मेदार है, यह सुझाव देते हुए कि गिरावट पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

अक्षय वाडकर: विदर्भ टीम के कप्तान। उन्होंने राजस्थान के खिलाफ दूसरी पारी में शतक बनाया।
यश: विदर्भ के लिए एक बल्लेबाज, जिसने राजस्थान के खिलाफ दूसरी पारी में 98 रन बनाए।
जुबेर:
राजस्थान के बल्लेबाज।
वे राजस्थान की दूसरी पारी में 22 रन बनाकर सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं।
दीपक हुड्डा:
राजस्थान के बल्लेबाज। उन्हें टीम में एकमात्र पेशेवर खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है।
लगातार अच्छा प्रदर्शन न कर पाने और पांडिचेरी के खिलाफ शतक के बाद 50 रन से ज्यादा रन न बना पाने के साथ-साथ वन डे और टी20 प्रारूपों में भी उनके प्रदर्शन की आलोचना की जाती है।
राजस्थान के अन्य खिलाड़ी (नाम से उल्लेखित, बल्लेबाजी स्कोर दिए गए): तोमर (19) लोमरोर (8) कार्तिक (6) शुभम (6) समरपित (1) कुकना (4) सुथार (नाबाद, 3) अनिकेत (12) खलील (8)
राजस्थान टीम के प्रदर्शन और उनकी हार पर ध्यान केंद्रित करता है,
जबकि विदर्भ, खासकर वाडकर और यश के मजबूत प्रदर्शन पर प्रकाश डालता है।
दीपक हुड्डा की आलोचना उल्लेखनीय है क्योंकि टिप्पणीकार उन्हें एकमात्र पेशेवर खिलाड़ी बताते हैं और अच्छा स्कोर न करने के बावजूद उनके चयन की आलोचना करते हैं।

2025/01/14

नायर और शोरे के नाबाद शतकों की बदौलत विदर्भ ने राजस्थान को हराया

नायर और शोरे के नाबाद शतकों की बदौलत विदर्भ ने राजस्थान को हराया Highlights: करुण नायर ने कमाल कर दिया है करुण ने विजय हजारे ट्रॉफी में चौथा शतक ठोक दिया है करुण ने ये शतक राजस्थान के खिलाफ ये कमाल किया है वडोदरा, भारत – मोतीबाग स्टेडियम में क्वार्टर फाइनल 2 में विदर्भ ने राजस्थान को करुण नायर (122*) और ध्रुव शोरे (118*) के नाबाद शतकों की बदौलत ध्वस्त कर दिया। इस जोड़ी की शानदार साझेदारी ने विदर्भ के लिए एक शानदार जीत सुनिश्चित की और वे प्रतियोगिता के अगले चरण में पहुँच गए। राजस्थान ने सम्मानजनक स्कोर बनाने के बाद खुद को नायर और शोरे की शानदार बल्लेबाजी के सामने पूरी तरह से पराजित पाया। दबाव बढ़ने पर दोनों ने एक साथ मिलकर धैर्य और अनुभव का ऐसा प्रदर्शन किया जिसे राजस्थान के गेंदबाजों के लिए संभाल पाना मुश्किल था। करुण नायर, जो अपने शानदार स्ट्रोक प्ले और संयम के लिए जाने जाते हैं, अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर थे। उन्होंने सावधानीपूर्वक अपनी पारी को आगे बढ़ाया, सटीकता के साथ गैप ढूंढे और किसी भी ढीली गेंद को दंडित किया। उनकी नाबाद 122 रन की पारी नियंत्रित आक्रामकता का एक बेहतरीन नमूना थी, जिसमें सही समय पर चौके और विकेटों के बीच स्मार्ट रनिंग शामिल थी। ध्रुव शौरी ने भी नायर के खेल में बेहतरीन भूमिका निभाई। उन्होंने धैर्य और कुशलता का मिश्रण दिखाया, एक छोर संभाले रखा और सुनिश्चित किया कि स्कोरबोर्ड चलता रहे। उनकी नाबाद 118 रन की पारी ने पारी को संवारने और जरूरत पड़ने पर तेजी से रन बनाने की उनकी क्षमता को उजागर किया। दोनों की अटूट साझेदारी इस बात का एक बेहतरीन उदाहरण है कि लक्ष्य का पीछा कैसे किया जाता है। उन्होंने असाधारण समझ का प्रदर्शन किया, स्ट्राइक को स्मार्ट तरीके से घुमाया और राजस्थान के गेंदबाजी आक्रमण पर दबाव बनाया। जोखिम रहित क्रिकेट और आक्रामक इरादे के उनके सहज मिश्रण ने खेल को राजस्थान से दूर कर दिया। राजस्थान के गेंदबाज, अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद, नायर और शौरी की अभेद्य साझेदारी को तोड़ने में असमर्थ रहे। उन्होंने कई तरह की रणनीति अपनाई, लेकिन विदर्भ के बल्लेबाजों ने अटूट ध्यान और लचीलापन दिखाया। विदर्भ की यह जीत केवल व्यक्तिगत प्रतिभा की नहीं थी, बल्कि उनकी गहराई और कौशल को दिखाने वाला सामूहिक प्रयास था। यह आसान जीत निस्संदेह उनके भावी प्रतिद्वंद्वियों को एक कड़ा संदेश देगी। नायर और शोरी जिस फॉर्म में हैं, उसे देखते हुए विदर्भ निश्चित रूप से एक ऐसी टीम होगी, जिसे प्रतियोगिता में आगे बढ़ने के साथ देखना होगा। राजस्थान के लिए यह हार निराशाजनक होने के साथ-साथ एक मूल्यवान सीख भी होगी। उन्हें अपने अगले मुकाबलों में फिर से एकजुट होकर और मजबूत वापसी करनी होगी। हालांकि, इस दिन, विदर्भ के नायर और शोरी की शानदार बल्लेबाजी पर सबका ध्यान था, जिन्होंने शानदार जीत दर्ज की।करुण नायर (122*) और ध्रुव शौरी (118*) के नाबाद शतकों की बदौलत विदर्भ ने वडोदरा के मोती बाग स्टेडियम में क्वार्टर फाइनल 2 में राजस्थान को धूल चटा दी। 292 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए, दोनों बल्लेबाजों ने 19वें ओवर में यश राठौड़ के 39 रन पर आउट होने के बाद क्रीज पर लगभग 25 ओवरों में 200 रनों की साझेदारी की। राजस्थान के लिए कुकना अजय सिंह एकमात्र विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। विदर्भ ने बिना ज्यादा पसीना बहाए लक्ष्य हासिल कर लिया और यह एक शानदार और पेशेवर लक्ष्य था। उन्हें खलील अहमद खास पसंद आए जिन्होंने अपने 10 ओवरों में 85 रन दिए। खलील ने अपने अंतिम ओवर में 28 रन दिए, जिसमें नायर ने तीन चौके और दो छक्के लगाए। नायर इस साल विजय हजारे ट्रॉफी के शानदार फॉर्म में हैं और उन्होंने छह पारियों में 664 रन बनाए हैं। आज भी उन्होंने 13 चौकों और पांच छक्कों की मदद से 82 गेंदों पर 122 रन बनाए। पहली पारी में विदर्भ ने राजस्थान को निर्धारित ओवरों में 8 विकेट पर 291 रन पर रोक दिया। राजस्थान की शुरुआत खराब रही और उसने अपने दोनों सलामी बल्लेबाजों को सिंगल डिजिट स्कोर पर खो दिया। हालांकि, मध्यक्रम ने दीपक हुड्डा (45), शुभम गढ़वाल (59) और कार्तिक शर्मा (62) के जरिए राजस्थान को मैच में वापस लाने के लिए बचाव कार्य शुरू किया। हालांकि, ठाकुर ने गढ़वाल और निचले क्रम को आउट करने के लिए महत्वपूर्ण अंतराल पर स्ट्राइक की और 39 रन देकर 4 विकेट लिए, जबकि दर्शन नालकंडे ने कार्तिक को आउट किया। दीपक चाहर ने 14 गेंदों में तीन छक्कों और दो चौकों की मदद से 31 रन की पारी खेली और राजस्थान को शुरुआती संघर्ष के बाद 291 रन तक पहुंचाया, लेकिन विदर्भ की बल्लेबाजी के सामने यह नाकाफी साबित हुआ। संक्षिप्त स्कोर: राजस्थान 50 ओवर में 291/8 (कार्तिक शर्मा 62, शुभम गढ़वाल 59; यश ठाकुर 4-39, नचिकेत भुटे 1-53) विदर्भ से 43.3 ओवर में 292/1 (करुण नायर 122*, ध्रुव शौरी 118*; कुकना अजय सिंह 1-40) नौ विकेट से हार गया। विदर्भ की प्लेइंग 11 यश राठौड़, अपूर्व वानखड़े, करुण नायर (कप्तान), ध्रुव शौरी, जितेश शर्मा (विकेटकीपर), शुभम दुबे, हर्ष दुबे, नचिकेत भुते, यश कदम, यश ठाकुर, दर्शन नालकंडे। राजस्थान की प्लेइंग 11 शुभम गढ़वाल, अभिजीत तोमर, महिपाल लोमरोर (कप्तान), दीपक हुडा, कार्तिक शर्मा, समर्पित जोशी (विकेटकीपर), मानव सुथार, कुकना अजय सिंह, दीपक चाहर, खलील अहमद, अनिकेत चौधरी। Vidarbha Cruises Past Rajasthan Thanks to Nair & Shorey's Unbeaten Centuries Vadodara, India – Vidarbha stamped their authority on Quarter-Final 2 at the Motibaug Stadium, dismantling Rajasthan with a commanding batting display spearheaded by unbeaten centuries from Karun Nair (122*) and Dhruv Shorey (118*). The pair’s masterful partnership ensured a dominant victory for Vidarbha as they sailed into the next stage of the competition. Rajasthan, after putting up a respectable total, found themselves completely outmatched by the brilliance of Nair and Shorey. The duo came together with the pressure mounting and displayed a level of calm and experience that was simply too much for the Rajasthan bowlers to handle. Karun Nair, known for his elegant stroke play and composure, was at his scintillating best. He meticulously built his innings, finding the gaps with precision and punishing any loose deliveries. His unbeaten 122 was a masterclass in controlled aggression, punctuated with perfectly timed boundaries and smart running between the wickets. Dhruv Shorey, equally impressive, provided the perfect foil to Nair’s game. He displayed a mix of grit and finesse, anchoring one end and ensuring that the scoreboard kept ticking. His unbeaten 118 highlighted his ability to construct an innings and to accelerate when needed. The pair's unbroken partnership was a textbook example of how to chase down a target. They demonstrated exceptional understanding, rotating the strike smartly and putting the pressure back on the Rajasthan bowling attack. Their seamless blend of risk-free cricket with aggressive intent effectively took the game away from Rajasthan. The Rajasthan bowlers, despite their best efforts, were unable to break the seemingly impenetrable partnership of Nair and Shorey. They tried various tactics, but the Vidarbha batters displayed unwavering focus and resilience. This victory for Vidarbha was not just about individual brilliance, but a collective effort showcasing their depth and prowess. The comfortable win will undoubtedly send a strong message to their future opponents. With the form that Nair and Shorey are currently in, Vidarbha will certainly be one to watch as the competition progresses. The defeat for Rajasthan, while disappointing, will serve as a valuable learning experience. They will need to regroup and come back stronger in their next outings. However, on this day, the spotlight was firmly on the magnificent batting spectacle from Vidarbha's Nair and Shorey, who orchestrated a resounding victory. Edit Vijay Hazare Trophy:

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