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2025/10/01
Women's ODI World Cup begins today,
2025/09/30
भारतीय और श्रीलंकाई महिला टीमों को पहले खिताब का इंतजार क्यों है?
भारत में महिला क्रिकेट के वर्तमान निर्णायक मोड़ को प्रेरित करने वाले मुख्य कारक
1. 2017 विश्व कप में ऐतिहासिक प्रदर्शन और नई पहचान
भारत में महिला क्रिकेट के वर्तमान निर्णायक मोड़ (Turning Point) को प्रेरित करने वाले मुख्य कारक निम्नलिखित हैं, 1. 2017 विश्व कप में ऐतिहासिक प्रदर्शन और नई पहचान
• भारतीय महिला टीम ने 2017 में इंग्लैंड में हुए विश्व कप के फाइनल में पहुंचकर पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा था। इस उपलब्धि से महिला क्रिकेट को एक नई पहचान मिली।
• हालांकि, टीम इंडिया ने अभी तक कोई वैश्विक ट्रॉफी नहीं जीती है, लेकिन यह प्रदर्शन महिला क्रिकेट को एक नई दिशा देने का आधार बना।
- भारतीय महिला टीम ने 2017 में इंग्लैंड में हुए विश्व कप के फाइनल में पहुंचकर पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा।
- इस उपलब्धि से महिला क्रिकेट को एक नई पहचान मिली, जो वर्तमान निर्णायक मोड़ का आधार बनी।
- टीम इंडिया ने अभी तक कोई वैश्विक ट्रॉफी नहीं जीती है, लेकिन यह प्रदर्शन महिला क्रिकेट को नई दिशा देने वाला रहा।
2. हरमनप्रीत कौर की निर्णायक पारी
- सचिन तेंदुलकर के अनुसार, 2017 विश्व कप के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हरमनप्रीत कौर की 171 रनों की नाबाद पारी महिला क्रिकेट की तस्वीर बदलने वाला पल थी।
- उनकी पारी में निडरता, दिमाग की स्पष्टता और साहस ने लोगों की सोच को बदला।
- यह वह क्षण था जब महिला क्रिकेट को गंभीरता से लेना शुरू किया गया।
3. बीसीसीआई द्वारा महत्वपूर्ण प्रशासनिक सुधार
- जय शाह (मौजूदा आईसीसी अध्यक्ष) ने पुरुष और महिला खिलाड़ियों के लिए समान मैच फीस लागू करने में अहम भूमिका निभाई।
- उन्होंने महिला प्रीमियर लीग (WPL) की शुरुआत की, जिसने महिला क्रिकेट के परिदृश्य को बदल दिया।
- सचिन तेंदुलकर ने इन सुधारों की सराहना की है।
4. मजबूत रोल मॉडल और प्रेरणा का उदय
• सचिन तेंदुलकर का मानना है कि 2017 विश्व कप के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हरमनप्रीत कौर की 171 रनों की नाबाद पारी महिला क्रिकेट की तस्वीर बदलने वाला पल थी।
• उनकी पारी में प्रदर्शित निडरता (fearlessness), दिमाग की स्पष्टता (clarity of mind), और दिल में साहस (courage) ने भारत में महिला क्रिकेट के प्रति लोगों की सोच को बदला।
यह वह क्षण था जब लोगों ने महिला क्रिकेट को गंभीरता से लेना शुरू किया।
- शीर्ष खिलाड़ियों का प्रदर्शन देश भर की लड़कियों को प्रेरित कर रहा है।
- मोगा में लड़कियाँ हरमनप्रीत की तरह बनने के लिए अभ्यास कर रही हैं, और सांगली में स्मृति मंधाना की तरह कवर ड्राइव खेलने का अभ्यास।
- सचिन तेंदुलकर स्मृति मंधाना की बल्लेबाजी कला से विशेष रूप से प्रभावित हैं।
5. घरेलू मैदान पर बड़े मंच का अवसर
• सचिन तेंदुलकर का मानना है कि घरेलू मैदान पर हो रहा आगामी आईसीसी महिला वनडे विश्व कप (ODI World Cup 2025) महिला क्रिकेट को वह पहचान देगा जिसकी उसे लंबे समय से जरूरत थी।
• यह टूर्नामेंट लिंग, धारणा और पहुंच की बाधाओं को तोड़ने का अवसर है। यह छोटे शहरों की लड़कियों को विश्वास दिलाने का मंच है कि दुनिया उनके लिए खुली है।
• तेंदुलकर का मानना है कि हरमनप्रीत कौर की अगुवाई वाली यह टीम घरेलू मैदान पर इतिहास रच सकती है।
घरेलू विश्व कप महिला क्रिकेट की पहचान और पहुँच को किस प्रकार प्रभावित करेगा?
घरेलू मैदान पर आयोजित होने वाला महिला विश्व कप भारत में महिला क्रिकेट की पहचान और पहुँच को निम्नलिखित महत्वपूर्ण तरीकों से प्रभावित करेगा, जैसा कि महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के विचारों में दर्शाया गया है:
- आगामी आईसीसी महिला वनडे विश्व कप 2025 घरेलू मैदान पर हो रहा है, जो महिला क्रिकेट को वह पहचान देगा जिसकी उसे लंबे समय से जरूरत थी।
- यह टूर्नामेंट लिंग, धारणा और पहुँच की बाधाओं को तोड़ने का अवसर है।
- छोटे शहरों की लड़कियों को यह विश्वास दिलाने का मंच बनेगा कि दुनिया उनके लिए खुली है।
- तेंदुलकर का मानना है कि हरमनप्रीत कौर की अगुवाई वाली टीम घरेलू मैदान पर इतिहास रच सकती है।
संक्षेप में
भारत में महिला क्रिकेट का वर्तमान निर्णायक मोड़ 2017 विश्व कप के ऐतिहासिक प्रदर्शन, हरमनप्रीत कौर की प्रेरणादायक पारी, बीसीसीआई के प्रशासनिक सुधार, मजबूत रोल मॉडल्स और आगामी घरेलू विश्व कप के अवसर से प्रेरित है। ये सभी कारक मिलकर महिला क्रिकेट को नई ऊँचाइयों पर ले जा रहे हैं। 1. महिला क्रिकेट को बहुप्रतीक्षित पहचान प्रदान करना (Recognition) • सचिन तेंदुलकर का मानना है कि घरेलू मैदान पर हो रहा यह विश्व कप महिला क्रिकेट को वह पहचान देगा जिसकी उसे लंबे समय से आवश्यकता थी। • यह सिर्फ एक खिताब जीतने का टूर्नामेंट नहीं है, बल्कि यह देश में महिला क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ (turning point) साबित हो सकता है। • तेंदुलकर को विश्वास है कि हरमनप्रीत कौर की अगुवाई वाली टीम घरेलू मैदान पर इतिहास रच सकती है और महिला क्रिकेट को एक नई दिशा दे सकती है। • साल 2017 में विश्व कप फाइनल में पहुंचने के बाद टीम इंडिया ने देश का ध्यान खींचा था, लेकिन घरेलू विश्व कप उस पहचान को और भी गंभीर और स्थायी बना सकता है, क्योंकि यह वह पल है जब लोगों ने महिला क्रिकेट को गंभीरता से लेना शुरू किया था। 2. पहुँच की बाधाओं को तोड़ना और करियर के रूप में देखना (Reach and Accessibility) घरेलू विश्व कप महिला क्रिकेट की पहुँच (Reach) को व्यापक रूप से बढ़ाएगा क्योंकि यह निम्नलिखित बाधाओं को तोड़ने का मौका है: • लिंग, धारणा और पहुँच की बाधाएँ: तेंदुलकर ने कहा है कि यह टूर्नामेंट "लिंग, धारणा और पहुँच की बाधाओं को तोड़ने" का एक बड़ा अवसर है। • सपनों को पूरा करने का मंच: यह टूर्नामेंट उन अनगिनत लड़कियों के सपनों को पूरा करने का मंच बनेगा जो क्रिकेट को एक करियर के रूप में देखती हैं। • छोटे शहरों में प्रेरणा का संचार: यह घरेलू आयोजन छोटे शहरों की लड़कियों को यह विश्वास दिलाने में मदद करेगा कि दुनिया उनके लिए खुली है। तेंदुलकर ने इस भावना की तुलना अपने अनुभव से की, जब उन्होंने 1983 में कपिल देव की टीम को विश्व कप जीतते हुए देखा था। • आदर्शों का निर्माण और दृश्यता: घरेलू मैदान पर होने से महिला खिलाड़ियों की दृश्यता बढ़ेगी, जिससे छोटे शहरों की लड़कियाँ प्रेरित होंगी। उदाहरण के लिए, मोगा में एक लड़की अपने आदर्श हरमनप्रीत की तरह बनने के लिए बल्ला कसकर पकड़ सकती है, और सांगली में एक और लड़की स्मृति मंधाना की तरह कवर ड्राइव खेलने का अभ्यास कर सकती है। स्मृति मंधाना की बल्लेबाजी को तेंदुलकर ने 'कला' के समान बताया है। संक्षेप में, घरेलू विश्व कप न केवल राष्ट्रीय स्तर पर पहचान स्थापित करेगा, बल्कि यह जमीनी स्तर पर (Grassroots level) पहुँच को भी बढ़ाएगा, जिससे युवा लड़कियों के लिए क्रिकेट को एक व्यवहार्य करियर विकल्प के रूप में देखने की धारणा में बदलाव आएगा। सचिन तेंदुलकर के अनुसार भारतीय महिला क्रिकेट की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ और प्रेरणाएँ क्या हैं? सचिन तेंदुलकर के अनुसार, भारतीय महिला क्रिकेट की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ (Milestones) और प्रेरणाएँ (Inspirations) निम्नलिखित हैं: महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ और निर्णायक मोड़ (Key Achievements and Turning Points) सचिन तेंदुलकर ने महिला क्रिकेट के इतिहास में कुछ विशिष्ट पलों को सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों के रूप में रेखांकित किया है, जिन्होंने देश में महिला क्रिकेट की तस्वीर बदल दी है: 1. 2017 विश्व कप फाइनल तक पहुँचना: भारतीय महिला टीम ने 2017 में इंग्लैंड में हुए विश्व कप के फाइनल में जगह बनाकर पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा था। इस प्रदर्शन से महिला क्रिकेट को एक नई पहचान मिली। 2. हरमनप्रीत कौर की 171 रनों की ऐतिहासिक पारी: तेंदुलकर के अनुसार, 2017 विश्व कप के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हरमनप्रीत कौर की 171 रनों की नाबाद पारी वह निर्णायक पल था जिसने भारत में महिला क्रिकेट की तस्वीर बदल दी। ◦ उनकी पारी में शॉट्स की निडरता (fearlessness), दिमाग की स्पष्टता (clarity of mind), और दिल में साहस (courage) शामिल थे। ◦ यह वह क्षण था जब लोगों ने महिला क्रिकेट को गंभीरता से लेना शुरू किया। प्रेरणाएँ और रोल मॉडल (Inspirations and Role Models) तेंदुलकर का मानना है कि वर्तमान टीम के सितारे पूरे देश की लड़कियों के लिए बड़े प्रेरणा स्रोत बन रहे हैं: 1. रोल मॉडल का प्रभाव: तेंदुलकर ने उदाहरण देते हुए कहा कि मोगा में लड़कियाँ अपने आदर्श हरमनप्रीत की तरह बनने के लिए बल्ला कसकर पकड़ रही होंगी, और सांगली में एक और लड़की स्मृति मंधाना की तरह कवर ड्राइव खेलने का अभ्यास कर रही होगी। 2. स्मृति मंधाना की बल्लेबाजी कला: तेंदुलकर स्मृति मंधाना की बल्लेबाजी से बेहद प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि स्मृति की बल्लेबाजी कला की तरह है। उनके अनुसार, शॉट खेलने का अंदाज, टाइमिंग, और गैप खोजने की क्षमता उन्हें दुनिया की बेहतरीन बल्लेबाजों की श्रेणी में खड़ा करती है। 3. घरेलू विश्व कप से प्रेरणा: तेंदुलकर का मानना है कि घरेलू मैदान पर हो रहा आगामी आईसीसी महिला वनडे विश्व कप (ODI World Cup 2025) सिर्फ एक खिताब जीतने का टूर्नामेंट नहीं होगा, बल्कि यह उन अनगिनत लड़कियों के सपनों को पूरा करने का मंच बनेगा जो क्रिकेट को करियर के रूप में देखती हैं। ◦ यह टूर्नामेंट लिंग, धारणा और पहुंच की बाधाओं को तोड़ने का मौका है। ◦ यह छोटे शहरों की लड़कियों को यह विश्वास दिलाने का अवसर है कि दुनिया उनके लिए खुली है, ठीक वैसे ही जैसे तेंदुलकर ने 1983 में कपिल देव की टीम को विश्व कप जीतते देख कर महसूस किया था। तेंदुलकर को विश्वास है कि हरमनप्रीत कौर की अगुवाई वाली यह टीम घरेलू मैदान पर इतिहास रच सकती है और महिला क्रिकेट को एक नई दिशा दे सकती है।
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ASIA CUP

एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट:
टूर्नामेंट का इतिहास, की सफलता, प्रमुख खिलाड़ी, और लाइव प्रसारण की पूरी जानकारी।
एशिया कप
एशिया कप 1984 से शुरू हुआ, और अब तक 16 संस्करण हो चुके हैं।
भारत ने 8 बार खिताब जीता है, जबकि श्रीलंका के नाम सबसे अधिक मैच जीतने का रिकॉर्ड है।
एशिया कप का इतिहास एशिया कप की शुरुआत 80 के दशक के शुरुआती सालों में हुई थी, जब भारत और पाकिस्तान में हॉकी और क्रिकेट दो लोकप्रिय खेल थे।
हॉकी में उस समय वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप जैसे तीन बड़े टूर्नामेंट होते थे, जहाँ दोनों देशों की टीमें खेलती थीं। क्रिकेट में केवल वर्ल्ड कप होता था, जिसमें भारत-पाकिस्तान के बीच ज्यादा मैच नहीं हो पाते थे।
इसी कमी को पूरा करने और एशियाई क्रिकेट टीमों, खासकर भारत और पाकिस्तान के बीच अधिक मुकाबले के लिए एक मंच तैयार करने के उद्देश्य से 1983 में एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) का गठन किया गया था।
काउंसिल ने 1984 से एक नया टूर्नामेंट शुरू करने का फैसला किया, जिसे एशिया कप नाम दिया गया।
अब तक 16 बार एशिया कप का आयोजन हो चुका है, और 9 सितंबर से इसका 17वां संस्करण शुरू होगा।
फॉर्मेट में बदलाव एशिया कप हर दो साल में एक बार आयोजित होने वाला टूर्नामेंट है।
• शुरुआती फॉर्मेट: 1984 से 2014 तक पहले 12 एशिया कप टूर्नामेंट वनडे (एकदिवसीय) फॉर्मेट में आयोजित किए गए।
• वर्ल्ड कप की तैयारी के लिए बदलाव: इसके बाद एशियन क्रिकेट काउंसिल ने यह तय किया कि इस टूर्नामेंट का उपयोग आगे होने वाले वर्ल्ड कप की तैयारी के लिए किया जाएगा।
• मौजूदा फॉर्मेट: यह फैसला लिया गया कि एशिया कप का फॉर्मेट आगामी वर्ल्ड कप के फॉर्मेट के आधार पर तय होगा।
◦ यदि अगला वर्ल्ड कप वनडे फॉर्मेट में है, तो एशिया कप भी वनडे फॉर्मेट में होगा।
◦ इसी तरह, यदि अगला वर्ल्ड कप टी-20 फॉर्मेट में है, तो एशिया कप भी टी-20 फॉर्मेट में होगा।
◦ 2016 और 2022 में टी-20 वर्ल्ड कप से पहले एशिया कप टी-20 फॉर्मेट में हुआ था।
◦ इसी तरह, 2018 और 2023 में वनडे वर्ल्ड कप से पहले एशिया कप वनडे फॉर्मेट में हुआ था।
◦ एशिया कप 2025 भी टी-20I फॉर्मेट में खेला जाएगा।
प्रमुख विवाद एशिया कप का आयोजन कई बार विवादों में रहा है:
• 1986 का बहिष्कार: पहला विवाद 1986 में हुआ, जब भारत और श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के संबंध अच्छे नहीं थे। टूर्नामेंट श्रीलंका में आयोजित किया गया था, और भारत ने इसका बहिष्कार कर दिया था।
• 1990 का बहिष्कार: दूसरा विवाद 1990 के एशिया कप में हुआ, जब भारत-पाकिस्तान के संबंध अच्छे नहीं थे।
टूर्नामेंट भारत में हुआ था, और पाकिस्तान ने इसका बहिष्कार किया था।
• हाल के वर्षों में भारत-पाकिस्तान संबंध: हाल के वर्षों में भी भारत-पाकिस्तान के खराब संबंधों का असर एशिया कप पर पड़ा है।
◦ भारतीय टीम पाकिस्तान नहीं जाती और अब पाकिस्तान ने भी भारत में खेलने से मना कर दिया है।
◦ लिहाजा, अगर भारत या पाकिस्तान मेजबान होते भी हैं, तो टूर्नामेंट किसी तीसरे देश में खेला जाता है। उदाहरण के लिए, 2025 में मेजबान भारत है, लेकिन टूर्नामेंट संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में खेला जाएगा।
◦ 28 सितंबर: फाइनल मुकाबला, दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम। यदि भारत और पाकिस्तान सुपर फोर में शीर्ष दो स्थानों पर रहते हैं, तो फाइनल में उनकी तीसरी भिड़ंत हो सकती है। यह टूर्नामेंट यूएई में खेला जाएगा, जिसमें अबू धाबी और दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम प्रमुख स्थान होंगे।
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दिनांक | मैच | |
---|---|---|
9 सितंबर: | अफगानिस्तान बनाम हॉन्ग कॉन्ग, जायद क्रिकेट स्टेडियम, अबू धाबी | |
10 सितंबर | यूएई बनाम भारत, दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम | |
11 सितंबर: | बांग्लादेश बनाम हॉन्ग कॉन्ग, जायद क्रिकेट स्टेडियम, अबू धाबी | |
12 सितंबर: | ओमान बनाम पाकिस्तान, दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम | |
12 सितंबर: | बांग्लादेश बनाम श्रीलंका, जायद क्रिकेट स्टेडियम, अबू धाबी | |
13 सितंबर: | बांग्लादेश बनाम श्रीलंका, जायद क्रिकेट स्टेडियम, अबू धाबी i | |
14 सितंबर: | भारत बनाम पाकिस्तान, दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम | |
15 सितंबर | यूएई बनाम ओमान, जायद क्रिकेट स्टेडियम, अबू धाबी (शाम 5:30 बजे) | |
15 सितंबर | हॉन्ग कॉन्ग बनाम श्रीलंका, दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम (शाम 5:30 बजे) | |
16 सितंबर: | अफगानिस्तान बनाम बांग्लादेश, जायद क्रिकेट स्टेडियम, अबू धाबी | |
17 सितंबर: | यूएई बनाम पाकिस्तान, दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम | |
18 सितंबर: | अफगानिस्तान बनाम श्रीलंका, जायद क्रिकेट स्टेडियम, अबू धाबी | |
19 सितंबर: | अफगानिस्तान बनाम श्रीलंका, जायद क्रिकेट स्टेडियम, अबू धाबी |
दिनांक | मैच |
---|---|
20 सितंबर: | सुपर फोर का पहला मुकाबला, दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम |
20 सितंबर: | सुपर फोर का पहला मुकाबला, दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम |
21 सितंबर: | सुपर फोर का दूसरा मुकाबला, दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम। यदि भारत और पाकिस्तान अपने लीग मैच जीतते हैं, तो इस दिन वे फिर आमने-सामने होंगे। |
23 सितंबर: | सुपर फोर का तीसरा मुकाबला, जायद क्रिकेट स्टेडियम, अबू धाबी |
24 सितंबर: | सुपर फोर का चौथा मुकाबला, दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम |
25 सितंबर: | सुपर फोर का पांचवां मुकाबला, दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम |
26 सितंबर: | सुपर फोर का छठा मुकाबला, दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम |